Jewar Airport: देश का पहला net zero emission एयरपोर्ट, जानें और भी खासियतें
यूपी में चुनावी मौसम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट का शिलान्यास कररहे हैं. यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा और फर्स्ट नेट जीरो एमिशन एयरपोर्ट होगा यानी प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त. दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए यह नायाब तोहफा होगा. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. आइए आपको बताते हैं इस एयरपोर्ट की खास बड़ी बातें.नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट के शिलान्यास के साथ ही उत्तर प्रदेश के नाम खास उपलब्धि होगी. यूपी देश का पहला राज्य होगा,देशकापहलाnetzeroemissionएयरपोर्टजानेंऔरभीखासियतें जहां पांच इंटरनेशल एयरपोर्ट होंगे. कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी की जनता को कुशीनगर इंटरनेशल एयरपोर्ट का तोहफा दिया था. वहीं, अयोध्या इंटरनेशल एयरपोर्ट का काम तेजी से जारी है. अभी यूपी में आठ ऑपरेशनल एयरपोर्ट हैं, जबकि 13 एयरपोर्ट और 7 एयरस्ट्रिप्स पर काम चल रहा है. प्रदेश में अभी 8 ऑपरेशन एयरपोर्ट ये हैं- लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और गाजियाबाद (हिंडन).इस एयरपोर्ट का सबसे पहले प्रस्ताव साल 2001 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने रखा था. बाद में मायावती सरकार ने भी इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया और प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए 2000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया. यूपीए सरकार में इस योजना को नई उड़ान मिली और इसके लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया गया. शुरुआती अड़चनोंके बाद अब पीएम मोदी इसका शिलान्यास करने जा रहे हैं.इस एयरपोर्ट के बनने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बहुत फायदा होगा. दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट बनने के बाद दिल्ली-एनसीआर में यह तीसरा एयरपोर्ट होगा. अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में इस एयरपोर्ट पर 4588 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह 2023 तक कंप्लीट हो जाएगा. एयरपोर्ट जब पूरी तरह बन जाएगा, तब इसके पास 6 से 8 रनवे होंगे. यह देश में किसी एयरपोर्ट से भी ज्यादा रनवे होगा. नोएडा एयरपोर्ट की लागत 30 हजार करोड़ बताई जा रही है. साल में 7 करोड़ यात्रियों का टार्गेट रखा गया है. लोकेशन के लिहाज से देखें तो जेवर एयरपोर्ट आगरा से 130 किलोमीटर और दिल्ली से महज 72 किलोमीटर दूर होगा. ग्रेटर नोएडा से 28 किलोमीटर और नोएडा से 40 किमी इसकी दूरी होगी. जेवर ही नहीं, आसपास के इलाकों में एयरपोर्ट के बनने से विकास को नई रफ्तार मिलेगी और यूपी की तस्वीर बदलने की उम्मीद है. यूपी समेत देश के अन्य इलाकों में आधारभूत संरचना को मजबूती देने के लिए गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान पर प्रधानमंत्री की खास नजर है और इसी योजना के जरिए विकास को नए पंख लगाए जा रहे हैं.नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट बनने के कारण प्रभावित हुए लोगों की आर्थिक मदद के लिए योगी सरकार ने 3301.16 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. एयरपोर्ट बनने से जेवर में 7224 परिवार प्रभावित होंगे. ऐसे में उनकी मदद और बसेरे के लिए यूपी सरकार ने 403.24 करोड़ उन्हें दिए हैं.नोएडा एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत है कि यह उत्तर भारत के लिए लॉजिस्टिक गेटवे होगा. नॉर्थ इंडिया के कारोबारी आसानी से अपने सामान को अंतराराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे. इसकी खास बात यह है कि देश का फर्स्ट नेट जीरो एमिशन एयरपोर्ट होगा। इसका मतलब है कि सभी मानव निर्मित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, जैसे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के उपायों में वातावरण से हटा दिया जाता है.जेवर में एयरपोर्ट बनने से यूपी में विकास और रोजगार के नए मौके मिलेंगे. उम्मीद की जा रही है कि जेवर समेत आसपास के इलाकों में निवेश बढ़ेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा.