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2022 के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2022) दिए जा रहे हैं. फिजिक्स यानी भौतिक विज्ञान के लिए इस बार य

Nobel Prize: जिन्हें मिला फिजिक्स का नोबेल, जानिए उनकी बायोग्राफी

2022 के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2022) दिए जा रहे हैं. फिजिक्स यानी भौतिक विज्ञान के लिए इस बार ये पुरस्कार तीन लोगों को साझा तौर पर दिया गया है. फिजिक्स के लिए साझा नोबेल पुरस्कार पाने वाले ये तीन फिजिसिस्ट हैं- एलेन एसपेक्ट (Alain Aspect),जिन्हेंमिलाफिजिक्सकानोबेलजानिएउनकीबायोग्राफी जॉन फ्रांसिस क्लॉसर (John F. Clauser) और एंटोन ज़िलिंगर (Anton Zeilinger) उन्हें यह पुरस्कार इनटैंगल्ड फोटॉन (Entangled photons) के साथ प्रयोग करने, बेल असमानताओं (Bell inequalities) के उल्लंघन को स्थापित करने और क्वांटम इन्फॉर्मेशन साइंस में उनके काम के लिए दिया गया है. आइए जानते हैं कि इन फिजिसिस्ट का एक्सपेरीमेंट क्या था और उनका निजी जीवन कैसा है.फ्रांस के फिजिसिस्ट एलेन एसपेक्ट (Alain Aspect) का जन्म 15 जून 1947 को फ्रांस के एजेन में हुआ था. 75 वर्षीय एलेन पेरिस साकले यूनिवर्सिटी और पेरिस यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. 1980 में उनकी पीएचडी चल रही थी, तब उन्होंने बेल टेस्ट एक्सपेरीमेंट्स (Bell Test Experiments) करने शुरू किए. जिसमें उन्होंने से जुड़े कुछ रहस्यों का उद्घाटन करना शुरू किया.इनटैंगल्ड फोटॉन (1982) के साथ उनके बेल टेस्ट एक्सपेरिमेंट ने, 1935 में शुरू हुई अल्बर्ट आइंस्टीन और निल्स बोहर के बीच एक बहस को सुलझाने में योगदान दिया है.एलेन एसपेक्ट, इंस्टीट्यूट डी ऑप्टिक ग्रेजुएट स्कूल और इकोले पॉलीटेक्निक (यूनिवर्सिटी पेरिस-सैकले) में प्रोफेसर हैं. वह कई एकैडमी (फ्रांस, यूएसए, ऑस्ट्रिया) के सदस्य हैं. उन्हें मिले पुरस्कारों में- CNRS गोल्ड मेडल (2005), 2010 में फिजिक्स में वुल्फ पुरस्कार ( Wolf prize), निल्स बोहर (Nils Bohr Gold medal) और अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल (2012), ओएसए (2013) का इवेस मेडल / क्विन प्राइज़ , 2014 में क्वांटम सूचना में बलजान पुरस्कार(Balzan prize) शामिल हैं.जॉन क्लॉसर एक अमेरिकी एक्सपेरिमेंटल और थ्योरेटिकल भौतिक विज्ञानी हैं. उन्हें क्वांटम मेकैन्किस में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उन्हेंक्लॉसर-हॉर्न-शिमोनी-होल्ट (Clauser-Horne-Shimony-Holt (CHSH) ) इनीक्वैलिटी, नॉन लोकल क्वांटम इनटैंगलमेंट के पहले प्रायोगिक प्रमाण और लोकल रियलिज़्म की थ्योरी के निर्माण के लिए जाना जाता है.जॉन क्लॉजर का जन्म 1 दिसंबर 1942 को अमेरिका के पासाडेना में हुआ था. उन्होंने 1964 में, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से फिजिक्स में बी.एस किया. 1966 में उन्होंने फिजिक्स में एमए किया और 1969 में कोलंबिया युनिवर्सिटी से पीएचडी की. 1969 से 1996 तक उन्होंने लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी, लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी और कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी बर्कले में काम किया.1969 में, जॉन बेल के सैद्धांतिक परिणामों से प्रेरित माइकल हॉर्न, अब्नेर शिमोनी और रिचर्ड होल्ट के साथ, उन्होंने स्थानीय छिपी हुई वेरिएबल थ्योरी के पहले टेस्ट का प्रस्ताव दिया था. इन सिद्धांतों के लिए उन्होंने पहले प्रयोगात्मक परीक्षण योग्य सीएचएसएच-बेल की थ्योरम- क्लॉजर-हॉर्न-शिमोनी-होल्ट (CHSH) इनीक्वैलिटी दी.1972 में, उन्होंने CHSH का पहला प्रायोगिक परीक्षण किया और 1976 में दूसरा.1974 में, माइकल हॉर्न के साथ काम करते हुए उन्होंने लोकल रियलिस्टिक थ्योरी के सिद्धांत को लोकल हिडन वैरिएबल थ्योरी के सामान्यीकरण के रूप में तैयार किया. 1974 में उन्होंने प्रकाश के लिए उप-पॉसोनियन आंकड़ों (Sub-Poissonian statistics) का पहला अवलोकन किया. इस तरह पहली बार प्रयोगात्मक रूप से साबित किया कि फोटॉन स्थानीयकृत कणों (localized particles) की तरह व्यवहार कर सकते हैं न कि विद्युत चुम्बकीय विकिरण (electromagnetic radiation) के संक्षिप्त पल्स की तरह.1982 में उन्हें जॉन बैल के साथ रियलिटी फाउंडेशन प्राइज़ (Reality Foundation Prize) दिया गया. 2010 में उन्हें एलेन एस्पेक्ट और एंटोन ज़िलिंगर के साथ, नॉन लोकल क्वांटम इनटेंगलमेंट पर उनकी टिप्पणियों के लिए और लोकल रियलिज़िम के एक्सपेरिमेंटल टेस्ट के लिए फिजिक्स में वुल्फ पुरस्कार (Wolf Prize) से सम्मानित किया गया था. 2011 में उन्हें थॉमसन-रॉयटर्स प्रशस्ति-पत्र पुरस्कार (Thompson-Reuters Citation Laureate) से सम्मानित किया गया था.एंटोन ज़िलिंगर का जन्म 20 May 1945 को ऑस्ट्रिया के रीड इम इनक्रेइस में हुआ था.ज़िलिंगर वियना यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर हैं और ऑस्ट्रियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में क्वांटम ऑप्टिक्स और क्वांटम सूचना संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. उनके ज्यादातर शोध क्वांटम इनटैंगलमेंट के प्रयोगों से जुड़े हैं. उन्हें खासतौर पर अपने एक्सपेरिमेंटल और सैद्धांतिक कामों के लिए जाना जाता है, खासकर इनटैंगलमेंट, क्वांटम टेलीपोर्टेशन, क्वांटम कम्यूनिकेशन और क्रिप्टोग्राफी.उन्होंने 1971 में वियना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी. 1999 में वियना यूनिवर्सिटी में शामिल होने से पहले वे वियना की टेक्निकल यूनिवर्सिटी और इन्सब्रुक यूनिवर्सिटी के संकायों में थे, जहां उन्होंने फिजिक्स डिपार्टमेंट के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. ज़िलिंगर ने एमआईटी, म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय, हम्बोल्ट विश्वविद्यालय बर्लिन, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और कॉलेज डी फ्रांस में चेयर इंटरनेशनल सहित कई जगहों पर काम किया है. ज़िलिंगर ऑस्ट्रियन फिजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष रहे हैं और फिलहाल ऑस्ट्रियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के अध्यक्ष हैं.

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