महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ‘तो मुंबई में पैसा ही नहीं बचेगा’ वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. शिवसेना लगातार हमलावर देखी जा रही है. ठाणे में शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र 105 शहीदों के बलिदान से बना है. कई लोग कई सालों से मुंबई में रह रहे हैं. मराठी आदमी के खून-पसीने से मुंबई बनी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ पैसे के पीछे भागती है. महाराष्ट्र मेहनतकशों का राज्य है.उन्होंने आगे कहा कि इस मुंबई की शान नाना शंकरशेठ ने बढ़ाई है. इस मुंबई की शान में कई समुदायों का बड़ा योगदान है. पारसी भाईचारा,मुंहमेंनमकडालकरबैठीशिंदेनेभीकुछनहींबोलाराज्यपालकेबयानपरबोलेराउत गुजराती पारसी भाईचारा रहता है. मुंबई का मॉडल कैसे बने, ये नाना शंकर शेठ की जीवनी और चरित्र को पढ़कर जाना जा सकता है. ऐसे ही चरित्रों की गाथा हम उन्हें आज भेजेंगे. वो सच्चे मराठी-गृहस्थ थे.राउत ने कहा कि राज्यपाल ने इससे पहले सावित्री बाई फुले का भी अपमान किया था. अब दूसरी बार जिस तरह से राज्यपाल ने आपत्तिजनक बयान दिया है, उसके बाद बीजेपी मुंह में नमक डालकर चुप बैठी है. क्या मुंबई और ठाणे इलाके में और किसी का कोई भी योगदान नहीं है?उन्होंने कहा कि मुंबई को बनाने में मजदूरी करने वाले मराठी आदमी के प्रति ये नफरत और तिरस्कर करने वाली बात है. एक तो मराठी आदमी को पैसे कमाने नहीं देता कोई. यदि कोई कमाता भी है तो पिछले सात या आठ सालों से केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली सभी उनके वित्तीय निगरानी कर रही है. ईडी के पास मराठी लोगों को रसातल में ले जाने की शक्ति है.संजय राउत ने कहा कि मेरा पहला सवाल यह है कि राज्यपाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके 40 लोगों के बारे में क्या रुख अपनाएंगे, जिन्होंने मराठी का अपमान किया? क्या हिंदुत्व का अपमान नहीं है? अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के खिलाफ बयान नहीं दिया है. राज्यपाल के बयान का महाराष्ट्र ने विरोध किया है.उन्होंने कहा कि मैं जो सुन रहा हूं, जो मैं पढ़ रहा हूं और हम किस बारे में बात कर रहे हैं, उसके वीडियो क्लिप हैं. महान मराठी व्यक्ति का सचमुच अपमान किया गया है. एकदम तुच्छ दर्जे का लिखा गया. इन गुजराती और राजस्थानी भाइयों को भी उनका यह बयान पसंद नहीं आया.बता दें कि एकनाथ शिंदे सरकार पहले ही राज्यपाल के बयान से किनारा कर चुकी है. वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से बयान के लिए माफी की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अब तय करने का समय आ गया है कि वो (राज्यपाल) जेल जाएंगे या राज्य से वापस जाएंगे.गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शुक्रवार शाम को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा था कि अगर गुजराती और राजस्थानी मुंबई से चले जाएं तो मुंबई में पैसा ही नहीं बचेगा और ये देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह जाएगी. उनके इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया. वहीं राज्यपाल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया, उनकी मंशा किसी की मेहनतकश मराठी भाषी लोगों की भावनाएं आहत करने की नहीं थी.