तुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसे
时间:2023-09-21 00:48:23 出处:मौसम विभाग बारिश阅读(143)
तुम्हारीछातीसेसरकापल्लूऐसेतुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसेबड़े बड़े गोल बरफ से ढके पर्वतों से छंटे हों काले बादल जैसेइस बरफ की थोड़ी आइस क्रीम हमें भी चखा दोउफ्फ़ इन प्यासे होंठों पे अपनी नुकीली चोटियाँ चुभा दोहाइ…ईइ इस बैकलेस ब्लाउज़ ने ले ली मेरी जानइन तराशी हुई नंगी घाटियों ने डूलाया मेरा ईमानबह जाने दो आज मुझे आज इन उतार चढ़ावों मेंचलाने दो अपनी जीभ की नाव इस मांसल नदी मेंऔर भिगो देने दो इस गुलिस्ताँ को अपने वासना के रस से…मेरा जन्म 12 साल बाद हुआजब मैं बिल्कुल छोटी थीतब मैं फ्रॉक में सोती थीफिर मेरे आकार का विस्तार हुआनींबू बढ़ कर अनार हुआजब मैं बढ़ने लगीहर किसी की नज़र मुझ पे पड़ने लगीहुआ फिर ब्रा मेरा घरअब लगने लगा मुझे डरजब मेरा साइज़ हुआ और बड़ाजाने कितनों का हुआ खड़ाभीड़ में लड़कों ने हाथ मारामुझे एहसास हुआ बहुत प्याराफिर ना जाने कितनों ने दबायासच कहूँ तो बड़ा मज़ा आयाकिसी ने प्यार से सहलायाकिसी को प्यार से चुसवायाकिसी ने मुझे मसल दियाकिसी ने मुझपे अपना पोपट रग़ड़ दियाअब जब मैं गई झूलसारे मादरचोद मुझको गये भूल…
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上一篇:मेरी आत्मकथा
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